MY EXPERIENCES OF HAPPINESS WHICH WE SHARED WITH EACH OTHERS AT MITTA DAY...AT VIPASSANA CENTER AT DHARAMKOT IN
HIMACHAL PRADESH, INDIA......dr.vandana singh raghuvanshi, Chandigarh, India
Sunday, 31 January 2016
"पूर्वकृत कर्म के अनुभव स्मृति के रूप में आत्मा में रहते हैं, उन्हें संस्कार कहते हैं । इन्द्रियाँ जिन संस्करों की अभ्यस्त हो चुकी हैं, सामान्यतया वही क्रम दोहराती हैं । अत: जो समझदार है वह जो भी कार्य करते हैं विचार पूर्वक करते हैं । इस संसार में जो कर्म शांत मन से किये जाते हैं और विचार पूर्वक किये जाते हैं, वह सफल होते हैं और उनसे सुख की प्राप्ति होती है ।"